ALL NETWORTH

मेरे घर के आगे माँ तेरा मंदिर बन जाये-Mere Ghar Ke Aage Maa Tera Mandir Ban Jaye Lyrics

मेरे घर के आगे माँ तेरा मंदिर बन जाये लिरिक्स – Mere Ghar Ke Aage Maa Tera Mandir Ban Jaye Lyrics
मेरे घर के आगे माँ तेरा मंदिर बन जाये लिरिक्स
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये,
जब जब खिड़की खोलूं तो तेरा दर्शन हो जाये,
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये…

जब होगी आरती तेरी मुझे घंटी सुनाई देगी,
मुझे आते जाते माँ तेरी बस सूरत दिखाई देगी,
जब भजन करे कोई, मुझको भी सुन जाये,
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये…

नज़दीक रहेंगे दोनों तो आना जाना होगा,
मेरी मईया हम दोनों का बस एक ठिकाना होगा,
तुम सामने हो मेरे मेरा दम ही निकल जाए,
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये…

मै आते जाते मईया प्रणाम करूँगा,
जो मेरे लायक होगा वो तेरा काम करूँगा,
तेरी सेवा करने से मेरा जीवन खिल जाये,
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये…

मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये,
जब जब खिड़की खोलूं तो तेरा दर्शन हो जाये,
मेरे घर के आगे माँ तेरा एक मंदिर बन जाये…

नवरात्रि (Navratri) भारतीय हिन्दू पर्व है जो मां दुर्गा के पूजन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वर्ष के अलग-अलग समयों पर मनाया जाता है, लेकिन अधिकांश दोवार्षिक और चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) और शरद नवरात्रि (Sharad Navratri) होते हैं। ये नौ दिनों के त्योहार होते हैं जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के साथ मनाए जाते हैं।

नवरात्रि का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक है और यह धार्मिकता, सांस्कृतिक आदिकाल से जुड़ा हुआ है। इसके दौरान भक्त नौ दिन तक उपवास करते हैं और रात को आराधना और भजन गान करते हैं। इसके दौरान भक्त भगवानी की आराधना करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं.

नवरात्रि के दौरान रास गरबा (Garba) और दंडिया रास (Dandiya Raas) जैसे लोकप्रिय नृत्य आयोजित किए जाते हैं। यह गर्मी के मौसम में मनाने वाला पर्व होता है, और लोग रंगीन और पर्वीण पोशाकों में नृत्य करते हैं.

नवरात्रि के अंत में, दशहरा (Dussehra) के रूप में मां दुर्गा के विजय को समर्पित करने के लिए रावण के पुतले का दहन किया जाता है, जिससे अपराजिता शक्ति का संकेत मिलता है।

नवरात्रि एक धार्मिक पर्व होता है, जिसमें भक्ति, परंपरा, और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलु शामिल होते हैं और यह हिन्दू समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

नवरात्रि के पारंपरिक महत्व के अलावा, यह एक आत्मिक उन्नति और परिश्रम का मौका भी प्रदान करता है। नवरात्रि के दौरान भक्त देवी दुर्गा की पूजा और उपवास करते हैं, जिससे उनका मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है. यह उनके इंद्रियों को निग्रहित करने और आत्म-नियंत्रण की दिशा में मदद करता है।

नवरात्रि के इन नौ दिनों के दौरान भगवानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है। हर दिन एक नया रूप पूजा जाता है, और भक्त उस रूप की आराधना करते हैं और मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

नवरात्रि के दौरान, आरती, भजन, और कथाएँ भी सुनी जाती हैं, जो धार्मिक संदेश को साझा करने में मदद करती हैं और भक्तों को आध्यात्मिक जागरूकता में सहायक होती हैं.

इसके अलावा, नवरात्रि एक सामाजिक आयोजन भी होता है, जिसमें लोग एक साथ आते हैं, नृत्य करते हैं और पर्व का आनंद लेते हैं। यह समय परिवारों और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का भी होता है, जिससे सामाजिक एकता और खुशियाँ बढ़ती हैं.

समाज में यह पर्व अहिंसा, शांति, और दया की महत्वपूर्ण मूल्यों को प्रोत्साहित करता है और लोगों को एक दूसरे के प्रति समर्पित होने की भावना दिलाता है।

Leave a Comment